बंगाल के राज्यपाल थे तो होता था टकराव, अब जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर क्या बोलीं ममता बनर्जी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 22 जुलाई 2025 (22:41 IST)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहतीं। हालांकि बनर्जी ने साथ ही यह भी कहा कि उनका मानना है कि धनखड़ का स्वास्थ्य 'बिल्कुल ठीक' है। धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब उनका टीएमसी सरकार के साथ अक्सर टकराव होता रहा। बाद में वे 2022 में उपराष्ट्रपति बन गए थे।
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बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबान्न में संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक अस्पष्ट टिप्पणी में संकेत दिया कि इस घटनाक्रम में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज़्यादा कुछ हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजनीतिक दल यह तय नहीं कर सकते कि धनखड़ ने इस्तीफ़ा क्यों दिया। इस मुद्दे पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।’’ उन्होंने कहा कि देखते हैं। वह एक स्वस्थ व्यक्ति हैं। मुझे लगता है कि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है।’’
 
बनर्जी की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ के कदम पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच आयी है। विपक्ष के कई लोगों ने दावा किया है कि यह कदम "पूरी तरह अप्रत्याशित" है और संभवतः "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने" के आधिकारिक रुख से परे कारकों से प्रेरित है।
 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोमवार शाम को भेजे गए अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने’’ के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के धनखड़ के सोमवार रात के फैसले से अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि क्या इसमें "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने" से अधिक भी कुछ शामिल है।
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किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति की विदाई के समय उसकी जो प्रशंसा की जाती है, वह सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से नहीं दिखी, जो इस बात का संकेत है कि सरकार शायद उन्हें जाते हुए देखकर खुश थी। वह विपक्ष ही था, जिसने पिछले साल उनके कथित पक्षपात के लिए महाभियोग चलाने के नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे और उसने ही उनके लिए अच्छे शब्द कहे।
 
क्या बोले कुणाल घोष 
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कुणाल घोष ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा। क्या स्वास्थ्य ही एकमात्र कारण है? अगर हां, तो जल्दी ठीक हो जाइये। वरना, जिज्ञासा बनी रहेगी।’’ धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब घोष को उनके कटु आलोचक के तौर पर जाना जाता था।
 
बाद में, घोष ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि हमारा शीर्ष नेतृत्व स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, इसलिए हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।’’
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टीएमसी सांसद एवं वरिष्ठ नेता सुष्मिता देव ने कहा कि वह धनखड़ के अचानक लिए गए फैसले से काफी "हैरान" हैं। उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, "मैंने कुछ खबरें देखी थीं कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि यह इतना गंभीर है कि उन्हें पद छोड़ना पड़े। मुझे लगा था कि वह छुट्टी पर चले जाएंगे, ठीक होकर वापस आ जाएंगे, इसलिए मैं उनके फैसले से काफी हैरान हूं।’’

अखिलेश बोले- हालचाल जानने कोई भाजपा नेता नहीं गया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को सवाल किया कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ का हालचाल जानने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई नेता क्यों नहीं गया।
 
यादव 'लोकतंत्र के सामने चुनौतियां' विषय पर आयोजित 'एमपी वीरेंद्र कुमार मेमोरियल सेमिनार' में बोल रहे थे, जहां उन्होंने समाजवादी नेता को श्रद्धांजलि दी और इस बात को रेखांकित किया कि समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र एक-दूसरे के पूरक हैं। धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि कुछ तो गड़बड़ है।
 
उन्होंने कहा कि हमारे लोकप्रिय उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया, लेकिन भाजपा का कोई भी नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए उनसे मिलने नहीं गया।
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वीरेंद्र कुमार को याद कर रहे हैं और लोकतंत्र की चर्चा कर रहे हैं। शीर्ष पद पर बैठे एक व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा देना पड़ा और भाजपा नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ तक नहीं कर रहे हैं... दाल में कुछ काला है।’’
 
लोकसभा सदस्य यादव ने कहा कि समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ये तीनों एक साथ नहीं हों, तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है। अगर हम धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं, तो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने सवाल किया कि धनखड़ को विदाई क्यों नहीं दी गई। इसी कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस ने याद किया कि उन्होंने एक दिन पहले धनखड़ से मुलाकात की थी।
 
थॉमस ने कहा कि मैंने अखबार में पढ़ा कि यह (इस्तीफा) स्वास्थ्य की समस्या के कारण है, लेकिन यह राजनीतिक स्वास्थ्य के कारण है।’’ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने भी धनखड़ के इस्तीफे के कारणों पर सवाल उठाया।
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यादव ने कहा कि यह पहला मौका है, जब किसी उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया हो... शाम चार या साढ़े चार बजे तक, वे पूरी तरह से कार्यरत थे और अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें आर्थिक और सामाजिक असमानता, गरीबी, लैंगिक भेदभाव जैसी असमानताएं, सांप्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शामिल हैं। यादव ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी सवाल उठाए।

जगदीप धनखड़ को क्या छोड़ना होगा उपराष्ट्रपति एन्क्लेव
उपराष्ट्रपति पद से एक दिन पहले इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ सरकारी बंगले के हकदार हैं। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। धनखड़ (74) पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में स्थानांतरित हो गए थे।
 
उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था। धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोड़ना होगा।
 
अधिकारी ने कहा कि उन्हें (धनखड़) लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप आठ का बंगला देने की पेशकश की जाएगी।" टाइप आठ का बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma

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