मुंबई में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के शिकार हुए ब्रिटेन के नागरिकों को सरकार की नई योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार की मौजूदा नीति के तहत ब्रिटेन में हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के परिजन अथवा घायल हुए लोगों को ही क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार की नई नीति का दायरा काफी विस्तृत किया गया है और इसके तहत वर्ष 2002 से अब तक विदेश में हुए आतंकवादी हमलों के शिकार लोग भी मुआवजा पाने के हकदार होंगे।
आतंकवादी हमले के शिकार हुए ब्रिटेन के नागरिक विलियम पाइक द्वारा अभियान चलाए जाने के बाद देश की संसद में कल नई ओवरसीज टेररिज्म कम्पनसेशन स्कीम की घोषणा की गई है। पाइक मुंबई में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में फंस गए थे नतीजतन अब वह जिंदगी भर के लिये अपंग हो गए हैं।
29 वर्षीय पाइक ने देश के बाहर किसी आतंकवादी हमले में घायल हुए ब्रिटेन के नागरिक के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं होने पर कानून में बदलाव के लिए मुहिम चलाई थी।
न्याय मंत्री जैक स्ट्रॉ ने कहा कि आतंकवाद पूरे समाज पर हमला है, लिहाजा यह जरूरी है कि सहानुभूति जाहिर करने के लिए समाज को विदेश में हुए हमलों में घायल हुए लोगों को भी सहायता देनी चाहिए। मुंबई हमलों के दौरान अनेक विदेशी नागरिकों समेत कम से कम 166 लोग मारे गए थे। (भाषा)