पहली बार हुआ ऐसा : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार चरमपंथी संगठनों के नामों की लिस्ट रखी गई। विदेश मंत्रालय में सचिव प्रीति सरन ने सम्मेलन को लेकर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह बताया। प्रीति सरन ने कहा, 'आतंकवाद पर सभी को एकजुट होकर बात करने की जरूरत है और ये बात अब लोगों को समझ आ रही है। ब्रिक्स देशों के सदस्य कहीं न कहीं आतंकवाद का शिकार रहे हैं। अब सभी को मिलकर इसके खिलाफ काम करने की जरूरत है। आप इस पर दोहरा रुख नहीं रख सकते।'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। ब्रिक्स के बाकी सदस्य देशों के नेताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इसके खिलाफ ऐक्शन की जरूरत पर जोर दिया। सरन ने बताया कि पहली बार ब्रिक्स में हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तोएबा जैसे चरमपंथी संगठनों का नाम सार्वजनिक तौर पर लिस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कट्टरता के खिलाफ विश्व के सभी देशों से एकजुट होने की अपील की और यह भी कहा कि भारत कट्टरता के खिलाफ एक ग्लोबल समिट बुलाएगा।