काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान में अपना दबदबा कायम करने के लिए अब राजनेताओं के परिवार को भी निशाना बना रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम के बेटे को जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक दिन बुधवार को ही अब्दुल राशिद दोस्तम से मुलाकात की थी।
तालिबान का कर देंगे खात्मा : इससे पहले दोस्तम ने कहा था कि देश के उत्तरी हिस्सों से तालिबान का खात्मा कर दिया जाएगा। तालिबान के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। 1990 और 2001 के दौरान अब्दुल रशीद दोस्तम ने बल्ख प्रांत से तालिबान का सफाया कर दिया था। दोस्तम मंगलवार रात एक विशेष विमान से मजार-ए-शरीफ पहुंचे हैं। वहां पहुंचते ही उनकी मिलिशिया ने सेना के साथ शहर के कई इलाकों में मजबूत मोर्चाबंदी कर दी है।
10 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा : अफगानिस्तान के दो अधिकारियों और तालिबान संगठन की ओर से कहा गया कि उग्रवादियों ने गुरुवार को प्रांतीय राजधानी गजनी पर कब्जा कर लिया है। बीते एक हफ्ते में विद्रोही 10 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर के बाहरी क्षेत्र में लड़ाई अब भी चल रही है। तालिबान वहां अपने झंडे फहरा रहे हैं और कई घंटों तक चले भारी संघर्ष के बाद अब शहर में शांति है।
पुलिस मुख्यालय पर तालिबान का कब्जा : तालिबान ने दक्षिणी अफगानिस्तान में एक प्रांतीय राजधानी के पुलिस मुख्यालय पर गुरुवार को कब्जा कर लिया। दक्षिणी अफगानिस्तान पर चरमपंथी संगठन का कब्जा होने वाला है और इसी बीच, इलाके में हवाई हमले हुए हैं। संदेह है कि ये हमले अमेरिका ने किए हैं।
अमेरिका ने बनाई दूरी : अमेरिकी सैन्य नेतृत्व को जितनी आशंका थी, उससे कहीं अधिक तेजी से अफगानिस्तान सरकार की सेना युद्धग्रस्त देश में तालिबान के सामने पस्त हो ही है। लेकिन व्हाइट हाउस, पेंटागन या अमेरिकी जनता के बीच इसे रोकने का ज़ज्बा कम ही नजर आ रहा है और अब शायद कुछ करने के लिए बहुत देर भी हो चुकी है।