पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्यों बने हुए हैं एक-दूसरे के दुश्मन

Webdunia
बुधवार, 20 मार्च 2024 (21:15 IST)
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने सोमवार 18 मार्च को अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले किए। पाकिस्तान की इस एयर स्ट्राइक का बदला तालिबान ने लिया और पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया। तालिबान की सेनाओं ने पाकिस्तान की सैन्य चौकियों को निशाना बनाया और जमकर बमबारी और गोलीबारी की। 

अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगान तालिबान टीटीपी को काबू में रखेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में दोनों मुल्कों की सीमाओं पर गोलीबारी और हवाई हमले कोई नई बात नहीं रह गई है।  
 
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा डूरंड लाइन के साथ बुर्की में तालिबान के सैनिकों ने गोलीबारी और बमबारी की। 
 
इस दौरान कम से कम तीन पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गए। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच में सीमा पर भी खूनी झड़प हुई। 
 
तालिबान के नेतृत्व वाले रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान के हमले के जवाब में तालिबान के सीमा बलों ने भारी हथियारों पाकिस्तान की चौकियों को निशाना बनाया। 
 
मंत्रालय ने ये भी कहा कि अफगानिस्तान की रक्षा के लिए सुरक्षा बल किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं और हर परिस्थिति में क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे।
 
ग्वादर पर गोलीबारी : पाकिस्तान में पुलिस और सुरक्षा बलों ने बुधवार को बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर पत्तन प्राधिकरण परिसर में जबरन घुसने और गोलीबारी करने वाले 7 सशस्त्र हमलावरों को मार गिराया। इस दौरान लगातार गोलीबारी के बाद कई विस्फोट भी हुए। प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की मजीद ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
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मकरान के आयुक्त सईद अहमद उमरानी ने पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ को बताया कि हमले के दौरान कई विस्फोटों की भी सूचना है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अभियान अभी भी जारी है।
 
ग्वादर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कैप्टन (सेवानिवृत्त) ज़ोहैब मोहसिन ने शुरुआत में डॉन.कॉम को बताया कि आठ सशस्त्र हमलावरों को मार गिराया गया, लेकिन बाद में संख्या को संशोधित कर सात कर दिया गया। हमले की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि गोलीबारी 'पूरी तरह बंद' हो गई है।
 
उन्होंने पहले डॉन डॉट कॉम को बताया कि जब भीषण गोलीबारी चल रही थी तब पुलिस और सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी घटनास्थल पर पहुंच गई थी।
 
संयुक्त राष्ट्र रक्षा एवं सुरक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि परिसर पर हमले के दौरान 'लगातार गोलीबारी के बाद कई विस्फोट' हुए। यह केंद्र कई सरकारी और अर्द्धसैनिक कार्यालयों की मेजबानी करता है।
 
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हताहतों की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। बयान में कहा गया है कि ग्वादर स्थित तीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और मिशन पर तैनात संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों के सात कर्मी सुरक्षित हैं।
 
प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की मजीद ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा नवंबर 2022 में सरकार के साथ अपना संघर्ष विराम समाप्त करने के बाद पाकिस्तान में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।

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