अमेरिका चंद्रमा पर दोबारा पहुंचा : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने ह्यूस्टन की कंपनी इंटुएटिव मशीन्स द्वारा ओडीसियस लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारे जाने के बाद वॉशिंगटन में कहा कि आज आधी सदी में पहली बार अमेरिका चंद्रमा पर दोबारा पहुंचा है। इस लैंडर के जरिए नासा के कई वैज्ञानिक उपकरण भी भेजे गए हैं।
उपकरण चंद्रमा की सतह पर और संचार मिल रहे : नेल्सन ने कहा कि यह अंतरिक्ष में विज्ञान, नवाचार और अमेरिकी नेतृत्व के सपने को भी साथ ले गया है। उड़ान निदेशक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी टिम क्रैन ने कहा कि हम बिना शक यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारा उपकरण चंद्रमा की सतह पर है और हमें संचार मिल रहे हैं। एनसीबी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अंतरिक्ष यान के लैंड करने के दौरान मिशन कंट्रोलर से उसका संपर्क टूट गया और उम्मीद है कि संपर्क फिर स्थापित होगा।
ओडीसियस आंकड़े भेजना शुरू कर रहा : कंपनी 'इंटुएटिव मशीन्स' ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा कहा कि संचार में दिक्कत को दूर करने के बाद फ्लाइट कंट्रोलर्स ने इस बात की पुष्टि की कि ओडीसियस ठीक है और आंकड़े भेजना शुरू कर रहा है। फिलहाल हम चंद्रमा की सतह से भेजी गई पहली तस्वीर को 'डाउनलिंक' करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
लैंडिग स्थल पर अभी अंधेरा होने में 7 दिन का वक्त : वहीं कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव अल्टेमस ने कहा कि मुझे पता है कि आगे की राह स्पष्ट नहीं है लेकिन हम सतह पर हैं और संचार प्राप्त कर रहे हैं। चंद्रमा पर स्वागत है। एबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लैंडिग स्थल पर अभी अंधेरा होने में 7 दिन का वक्त है। इसके बाद अंतरिक्ष यान के सौर पैनल सूरज की रोशनी से ऊर्जा हासिल नहीं कर पाएंगे और वहां तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाएगा।
नेल्सन ने कहा कि आज मानवता के इतिहास में पहली बार एक वाणिज्यिक कंपनी, एक अमेरिकी कंपनी ने वहां तक की यात्रा की और आज का दिन नासा की वाणिज्यिक साझेदारी की शक्ति और वादे को दर्शाता है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)