एमनेस्टी ने एक नई रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने सामूहिक नजरबंदी, दखल की हद तक निगरानी और जबरन सांस्कृतिक समभाव पैदा करने की कोशिश के लिए सरकारी अभियान तेज करना शुरू कर किया है। इस रिपोर्ट में शिविरों में हिरासत में रखे गए लोगों की गवाही शामिल की गई है।
इसमें कहा गया कि उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दाढ़ी रखने, बुर्का पहनने को प्रतिबंधित करने वाले नियमनों का उल्लंघन करने और अनधिकृत कुरान रखने के लिए सजा दी जा रही है। नस्लीय भेदभाव पर संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया था कि करीब 10 लाख लोगों को नजरबंदी शिविरों में हिरासत में रखा गया है।
इनमें से कई को देश के बाहर अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने या सोशल मीडिया पर इस्लामी त्योहारों की बधाई देने जैसे मामूली अपराधों के लिए नजरबंद किया गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्वी एशिया के निदेशक निकोलस बिक्वेलिन ने एक बयान में कहा, इस दमनकारी कार्रवाई से लाखों परिवार अलग-थलग हो गए हैं। (वार्ता)