विदेश मंत्रालय की '2020 ट्रैफिकिंग इन पर्सन' रिपोर्ट विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार को जारी की। इसमें बताया गया है कि माओवादी समूहों ने हथियार और आईईडी को संभालने के लिए खासकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में 12 वर्ष तक के कमउम्र बच्चों को जबरन भर्ती किया और कभी-कभी मानव ढाल के तौर पर भी इनका इस्तेमाल किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वर्ष 2019 में मानव तस्करी समाप्त करने के लिए खासे प्रयास किए, लेकिन वह न्यूनतम मानक को पूरी तरह प्राप्त नहीं कर सका। इसके मुताबिक, राज्येतर सशस्त्र समूह जम्मू-कश्मीर में सीधे तौर पर सरकार विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए 14 वर्ष तक के किशोरों की लगातार भर्ती और उनका इस्तेमाल करते रहे।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व में माओवादी समूहों से जुड़ी रहीं कुछ महिलाओं और लड़कियों ने बताया कि कुछ माओवादी शिविरों में यौन हिंसा की जाती थी। नक्सली समूहों ने लगातार व्यवस्थित तरीके से बाल सैनिकों की भर्ती और उनका इस्तेमाल जारी रखा।(भाषा)