Happybirthday: 195 दिनों तक स्पेस में रहने का रिकॉर्ड कायम करने वाली सुनीता विलियम्स, जानिए अनसुने किस्से
रविवार, 19 सितम्बर 2021 (15:48 IST)
स्पेस यात्रा में अपने साथ भगवद गीता, भगवान गणेश की मूर्ति और समोसा साथ लेकर गई थीं
अंतरिक्ष में किसी महिला द्वारा सबसे ज्यादा चहलकदमी का रिकॉर्ड बनाया
अपने 2 शटल मिशन में करीब 322 दिन अंतरिक्ष में गुजारे
सुनीता विलियम्स ने सात बार स्पेसवॉक का रिकॉर्ड भी बनाया
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आज 55 वर्ष की हो गई हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में 195 दिन से भी ज्यादा समय तक रहने का रिकॉर्ड कायम किया था।
उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो के यूक्लिड शहर में हुआ था। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री 195 से भी ज्यादा दिन तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं। जानते हैं अनसुनी और दिलचस्प बातें।
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो शहर में हुआ था, उनके पिता भारत के गुजरात के रहने वाले है, वहीं उनकी मां स्लोविनिया से हैं। इस नाते सुनीता का कनेक्शन भारत से गहरा है।
सुनीता विलियम्स ने साल 1983 में मैसाचुसट्स में नीधम हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी की, उन्होंने यूनाइटेड स्टेट नेवल अकादमी से फीजिकल साइंस में बैचलर डिग्री ले रखी है और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की।
1987 में उनको अमेरिकी नौसेना में शामिल किया गया। छह महीने के अस्थायी असाइनमेंट के बाद उनको बेसिक डाइविंग अफसर नियुक्त किया गया। 1998 में सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
सुनीता विलियम्स ने अपने इंटरव्यू में अपने अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर बताया था। उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया था कि वो अपनी यात्रा में अपने साथ भगवद गीता, भगवान गणेश की मूर्ति और समोसा साथ लेकर गई थीं।
सुनीता विलियम्स के नाम एक खास वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है उन्होंने अंतरिक्ष में किसी महिला द्वारा की जाने वाली सबसे ज्यादा चहलकदमी का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने सात बार स्पेसवॉक किया है। उन्होंने सबसे लंबा स्पेसवॉक का रिकॉर्ड भी बनाया है जो करीब 50 घंटे 40 मिनट का था। उन्होंने अपने 2 शटल मिशन में करीब 322 दिन अंतरिक्ष में गुजारे हैं।
सुनीता विलियम्स को दो बार डिफेंस सुपीरियर सर्विस मेडल, दो बार नेवी कमेंडेशन मेडल, एक बार लिजन ऑफ मेरिट और मरीन क्रॉप अचिवमेंट मेडल से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा भी उन्हें कई तरह के मेडल और सम्मान दिए जा चुके हैं।