एक अध्ययन में पता चला है कि बोतलबंद पानी का अधिकतर प्रचार इंसान के मनोवैज्ञानिक संवेदनशीलता को गहराई से निशाना बनाता है और उन्हें किसी खास उत्पाद को खरीदने और उसके इस्तेमाल के लिए बाध्य करता है। कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू में शोध करने वाले स्टीफन कोट ने कहा कि बोतलबंद पानी के प्रचारक हमारे सबसे बड़े भय के साथ 2 अहम तरीकों से खेलते हैं।