Canada election news : कनाडा में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं, जो भारत और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और गहरा सकते हैं। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) ने सनसनीखेज दावा किया है कि भारत न केवल कनाडा के लोकतांत्रिक ढांचे में दखल दे रहा है, बल्कि उसने 2022 के कंजर्वेटिव पार्टी नेतृत्व चुनाव में मौजूदा नेता पियरे पॉलिवियर के पक्ष में हस्तक्षेप करने की कोशिश भी की थी। यह खबर कनाडा के प्रतिष्ठित अखबार द ग्लोब एंड मेल की एक रिपोर्ट से सामने आई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक गोपनीय सूत्र ने खुलासा किया कि भारतीय एजेंटों और उनके प्रॉक्सी ने दक्षिण एशियाई समुदाय के बीच पॉलिवियर के लिए धन जुटाने और समर्थन संगठित करने में अहम भूमिका निभाई। उसने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें भारतीय एजेंटों ने पॉलिवियर को नेतृत्व की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए काम किया।
हालांकि, सूत्र ने यह भी जोड़ा कि यह ऑपरेशन बड़े पैमाने पर संगठित" नहीं था और सीएसआईएस के पास कोई सबूत नहीं है कि पॉलिवियर या उनके करीबी सहयोगियों को इसकी भनक थी। फिर भी, यह दावा कनाडाई राजनीति में भूचाल लाने के लिए काफी है।
सीएसआईएस की डिप्टी डायरेक्टर वेनेसा लॉयड ने इस मामले पर और भी गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कनाडा की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और समुदायों में हस्तक्षेप कर अपने भू-राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कनाडा में मौजूद प्रॉक्सी और उनके नेटवर्क का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है।
लॉयड ने यह बयान सोमवार को उस वक्त दिया, जब सीएसआईएस ने खुलासा किया कि भारत और चीन 28 अप्रैल 2025 को होने वाले कनाडाई आम चुनाव में दखल देने की साजिश रच सकते हैं। इतना ही नहीं, रूस और पाकिस्तान को भी इस सूची में शामिल किया गया है, जिससे कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रखा है। भारत और चीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है। जनवरी में जारी एक सरकारी जांच रिपोर्ट ने भी पुष्टि की थी कि 2019 और 2021 के कनाडाई चुनावों में चीन और भारत ने हस्तक्षेप की कोशिश की थी, लेकिन इसका परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ा। फिर भी, सीएसआईएस की ताजा चेतावनी ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या कनाडा की लोकतंत्र अब विदेशी ताकतों के निशाने पर है?
पियरे पॉलिवियर, जिन्होंने 2022 में पहले मतदान में 68% वोट हासिल कर कंजर्वेटिव पार्टी की कमान संभाली थी, इस विवाद के केंद्र में हैं। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि उनकी जीत पूरी तरह से निष्पक्ष थी और इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। लेकिन विपक्षी दलों ने इस खुलासे को लेकर पॉलिवियर पर हमला बोला है और इसे "लोकतंत्र पर हमला" करार दिया है।
कनाडा में 28 अप्रैल को होने वाले आम चुनाव से पहले यह विवाद और गहरा सकता है। क्या भारत वाकई कनाडा की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है? या यह केवल एक राजनीतिक खेल है, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करना है? जैसे-जैसे यह कहानी सामने आ रही है, कनाडाई नागरिकों में गुस्सा और चिंता बढ़ती जा रही है। यह देखना बाकी है कि इस सनसनीखेज खुलासे का असर कनाडा की राजनीति और भारत के साथ उसके रिश्तों पर कितना गहरा होगा।