Terrorist attack warning in Bangladesh: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ करने के बाद से बांग्लादेश के हालात काफी बुरे हो गए हैं। वहां न तो अल्पसंख्यक हिन्दू सुरक्षित हैं न ही लोगों का व्यवसाय सुरक्षित है। तख्तापलट से बांग्लादेश का गारमेंट उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहां फैक्ट्रियां बड़ी संख्या में बंद हो गई हैं। मजदूरों को वेतन भी नहीं मिल रहा है। अब सेना प्रमुख वकार उज जमां ने आशंका जताई है कि बांग्लादेश में बड़े आतंकवादी हमले हो सकते हैं। बांग्लादेश में एक बार फिर तख्तापलट की खबरें भी चल रही हैं।
एनसीपी का कहना है कि सेना अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की बहाली की योजना बना रही है। इसके विरोध में एनसीपी ने शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध रैलियां कीं तथा सैन्य समर्थित साजिश को किसी भी कीमत पर विफल करने की कसम खाई। छात्रों ने शेख हसीना और उनके साथियों को मुकदमा चलाकर फांसी देने की भी मांग की। हालांकि सेना ने एनसीपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया कि सेना अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की बहाली की योजना बना रही है। सेना ने इन आरोपों को हास्यास्पद और मनगढंत कहानियां बताया।
चुनाव दिसंबर में : बांग्लादेश के सूचना सलाहकार महफूज आलम ने कहा कि चुनाव निर्धारित समय पर दिसंबर में होंगे और उन्होंने सभी दलों से इसकी तैयारी करने का आग्रह किया। मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस ने कहा है कि चुनाव समय पर होंगे। चुनाव इस साल दिसंबर में संभावित हैं। एक समयसीमा पहले ही तय कर दी गई है और चुनाव उसी समय सीमा के भीतर होंगे। सभी को चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। महफूज ने कहा कि राजनीतिक दल अगर जिम्मेदारी से काम करें, तोड़फोड़ रोकें और राज्य के अंग उचित सहयोग करें, तो चुनाव सही समय पर होंगे।