सोल। डोनाल्ड ट्रंप 1950-53 के कोरिया युद्ध समाप्त होने के बाद अंतर कोरियाई सीमा पार करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं। ट्रंप, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ होने वाली ऐतिहासिक मुलाकात को लेकर कोरियाई प्रायद्वीप के असैन्य क्षेत्र के दौरे पर हैं।
ट्रंप रविवार को सीमावर्ती कोरियाई गांव पंमुनजोम में किम से मुलाकात करने वाले हैं। दोनों नेताओं के बीच इस तीसरी मुलाकात में बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन भी शामिल होंगे। फिर तीनों नेताओं के बीच महत्वपूर्ण शिखर बैठक होगी। तीनों नेताओं की यह बैठक ऐतिहासिक होगी।
इससे पहले ट्रंप ने मीडिया के प्रश्नों पर कहा कि उत्तर कोरिया की सीमा में प्रवेश करने वाला पहला राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल करना 'महान अनुभूति' है। ऐसा होना सम्मान की बात भी है। किम ने भी ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'साहसी और दृढ़ निश्चयी' करार दिया।
इससे पहले ट्रंप ने कोरियाई प्रायद्वीप के असैन्य क्षेत्र (डीएमजेड) में रविवार की अपनी प्रस्तावित यात्रा के दौरान किम से मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया के शासक से संबंध अच्छे हुए हैं। तीनों नेता की असैन्य क्षेत्र में स्थित सीमावर्ती गावं पनमूनजोम में स्थानीय समानुसार 2 बजे मुलाकात होगी।
उन्होंने मून के साथ मुलाकात के बाद कहा कि हम डीएमजेड सीमा पर जा रहे हैं और मैं चेयरमैन किम के साथ बैठक करूंगा। मैं इसके लिए बहुत उत्सुक हूं। मैं उन्हें देखने के लिए उत्सुक हूं। हमारे संबंध बहुत बहुत अच्छे हुए हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वे और डीपीआरके नेता डीएमजेड बैठक चाहते हैं। डीएमजेड वर्ष 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद से कोरियाई प्रायद्वीप का विभाजक रेखा है। गौरतलब है कि ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर के जरिए किम को भी कोरियाई प्रायद्वीप के असैन्य क्षेत्र में मुलाकात के लिए आमंत्रित किया था।
मून ने कहा था कि अगर ट्रंप और किम एक-दूसरे से मिलते हैं तो वे भी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डीएमजेड यात्रा पर जाएंगे। यह ऐतिहासिक घटना होगी। कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के उद्देश्य से पिछले कुछ महीनों से किम और ट्रंप वार्ता के प्रयास में लगे हुए हैं।
कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण करने को लेकर ट्रंप और किम के बीच पिछले साल जून में सिंगापुर में पहली बैठक हुई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बैठक हुई थी, जो विफल रही थी। दोनों नेताओं के बीच 1 साल के भीतर यह दूसरी शिखर बैठक थी। (वार्ता)