ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, वे हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान भी करते हैं। उन्होंने कहा, उन्हें हमारे खिलाफ मतदान करने दो, हम बड़ी बचत करेंगे, हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।
गौरतलब है कि ट्रंप ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी की मान्यता देने तथा दूतावास तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित करने के आदेश की ज्यादातर मुस्लिम देशों ने आलोचना की है। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने अमेरिका के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्वी यरुशलम को फिलीस्तीन की राजधानी करार दिया है।
फिलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलीकी और तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावासोगलू ने अमेरिका पर अन्य देशों को धमकाने के आरोप लगाए हैं। दोनों विदेश मंत्रियों ने अंकारा में कहा, हम देख रहे हैं कि अकेला पड़ गया अमेरिका अब धमकियां दे रहा है। कोई भी सम्माननीय प्रतिष्ठित राष्ट्र इन धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।