ऑस्ट्रेलिया में जंगलों में लगी भीषण आग से अग्निप्रलय से हालात नजर आ रहे हैं। आसमान छू रही लपटों से अब तक लाखों जानवर मारे जा चुके हैं। इतना हीं नहीं आग की चपेट में आए 20 लोग भी काल के गाल में समा गए। 40 लाख हैक्टेयर फसलें नष्ट हो चुकी है। आग ने कई रहवासी क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा करते हुए सड़कों को बंद कर दिया है और निवासियों, पर्यटकों को वहां से निकाला जा रहा है।
क्यों लगी है ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग : ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी काफी तेजी से फैल रही हैं। साउथ वेल्स के जंगलों में लगी आग ने मेलबर्न और सिडनी के बाद विक्टोरिया को भी अपनी चपेट में ले लिया। मौसम विभाग के मुताबिक, 2017 से ही पूर्वी ऑस्ट्रेलिया सूखे की मार झेल रहा है और नवंबर में बारिश रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई थी। एक शोधकर्ता ने दावा किया कि 1950 से लेकर अब तक दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया का औसत तापमान 2.7° डिग्री तक बढ़ गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आग की घटना से वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी : मौसम विज्ञानियों ने कहा कि यहां का बहुत गर्म और शुष्क है। हवा भी काफी तेज चल रही है। यह एक ऐसा एक खतरनाक संयोजन है जिसमें आग तेजी से फैलती है। आने वाले समय में आग और फैल सकती है। इसी वजह से आग पर काबू पाने के प्रयास भी ज्यादा सफल नहीं हो रहे हैं। गुरुवार और शुक्रवार को मौसम में कुछ सुधार हुआ था लेकिन शनिवार को स्थिति फिर गंभीर हो सकती है।
सेना ने संभाली कमान : आग पर काबू पाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की थल सेना के साथ ही वायुसेना और नौसेना ने भी कमान संभाल ली है। वेस्टर्न पोर्ट और दक्षिण मेलबोर्न से अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। विक्टोरिया के 6 क्षेत्रों को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। आग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हैलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।