इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद-दावा को आतंकवादी संगठन घोषित करने के राष्ट्रपति ममनून हुसैन के अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रपति के प्रधान सचिव और कानून सचिव को नोटिस जारी किए हैं।
समाचार पत्र 'द डान' के अनुसार हाफिज ने याचिका में कहा है कि उसके संगठन को प्रतिबंधित करने वाला अध्यादेश संविधान के खिलाफ है। इससे संविधान की मर्यादा को ठोस पहुंचती है। उसने अपने संगठन की स्थापना वर्ष 2002 में की थी और उसने प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से अपने सभी संबंध तोड़ लिए थे।
उसने आरोप लगाया कि भारत प्रतिबंधित संगठन से उसके पिछले संबंधों को लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई की बात करता रहा है। इसके कारण उसे वर्ष 2009 और 2017 में नजरबंद किया गया था। न्यायमूर्ति आमिर फारुख ने नोटिस जारी करने के बाद मामले की सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह तक टाल दी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ने गत माह ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा तथा तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है। इस सूची में हाफिज सईद का संगठन भी शामिल है।
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार अध्यादेश आतंकवाद निरोधक अधिनियम की एक धारा में संशोधन करता है और अधिकारियों को सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने, उनके कार्यालयों तथा बैंक खातों को सील किए जाने का अधिकार प्रदान करता है। (वार्ता)