उनका अध्ययन बताता है कि ऑक्सीटोसिन मस्तिष्क में परिवर्तनकारी की भूमिका निभाता है, वह कुछ खास उद्दीपकों को बढ़ा देता है जबकि कुछ को घटा देता है तथा मस्तिष्क हर पल जो भी सूचनाएं हासिल करता है, उसके लिए जरुरत के हिसाब से बाधा उत्पन्न करने में सहयोग करता है।
सामाजिक संकेतों को समझने में ऑक्सीटोसिन की भूमिका की जांच करते हुए अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने प्रचलित आचरण- नर चूहे का मादा चूहे के प्रति आकर्षण से शुरुआत की। अध्ययन से पता चला है कि यह आचरण बस सामाजिक नहीं है, बल्कि यह नर चूहे के मस्तिष्क में ऐसा अंतस्थ होता है।
अनुसंधानकताओं ने जेनेटिक उपकरण से जीन को बंद करने पर मादाओं से नरों के अंर्तसंबंध तथा मध्य प्रमस्तिष्क में न्यूरॉन संकेत गायब हो जाता है। हार्वर्ड से संबद्ध प्रोफेसर कैथरीन दुलाक ने कहा, ‘यह ऐसा अणु है, जो सामाजिक संकेतों को समझने में शामिल होता है।’ (भाषा)