लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत में 45 वर्षीय एक महिला को अपनी बेटी की जबरन शादी कराने का दोषी करार दिया गया है। महिला अपनी बेटी को ब्रिटेन से पाकिस्तान ले गई थी और वहां उसकी उम्र से 16 साल बड़े एक व्यक्ति से उसकी जबरन शादी करा दी। ब्रिटेन में इस तरह के मामले में दोषी करार दिए जाने का यह पहला सफल मामला है।
दोषी करार दी गई महिला बर्मिंघम की रहने वाली है। उसकी पहचान कानूनी वजहों से नहीं जाहिर की गई है। बर्मिंघम क्राउन अदालत ने उसे अपनी बेटी की जबरन शादी कराने का दोषी पाया। जिला क्राउन अभियोजक इलेन राडवे ने बताया कि किसी की इच्छा के विरुद्ध शादी कराना एक आपराधिक मामला है और पीड़ित व्यक्ति के मानवाधिकार का उल्लंघन है।
दोषी करार दी गई महिला अपनी 17 वर्षीय बेटी को 2017 में यह कहकर पाकिस्तान ले गई थी कि वे छुट्टियां मनाने के लिए जा रहे हैं। पीड़ित को पाकिस्तान पहुंचने पर बताया गया कि जब वह सितंबर में 18 साल की हो जाएगी तो उसकी शादी कर दी जाएगी। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो महिला ने उसका पासपोर्ट जला दिया और उसे मारा-पीटा।
पीड़ित ने ब्रिटेन में अपने परिवार से भी इसको लेकर संपर्क किया लेकिन उसे शादी तक मदद नहीं मिल पाई। बाद में ब्रिटेन के गृह विभाग की मदद से पीड़ित को ब्रिटेन लाया गया और वहां उसने अपनी मां के खिलाफ बयान दिया। ब्रिटेन में साल 2014 में जबरन शादी को अपराध घोषित किया गया था। इसके बाद यह पहला मामला है, जब इसमें किसी को अपराधी साबित किया गया। (भाषा)