9 अक्टूबर 2012 को स्वात घाटी में तालिबान के बंदूकधारियों ने मलाला की स्कूल बस रोकी और उसमें घुसकर सवाल किया 'मलाला कौन है?' जवाब मिलने पर उन्होंने उसे गोली मार दी। इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला के दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया।घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गई जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ और उसने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की।