शोधकर्ता यह जानना चाहते हैं कि वे हमारी पृथ्वी पर कब आए। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोध छात्र एडम सैराफियान ने कहा,‘हम जितने संभव हों उतने उल्कापिंडों के मूल स्वरूप की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता कर सकें कि वे शुरूआती सौरमंडल में कहां थे और उनके पास कितना पानी था।’
शोध दल को पता चला कि मूल उल्कापिंडों में संभवत: पृथ्वी के मौजूदा जल भंडार का 20 प्रतिशत हिस्सा था। सैराफियान ने कहा,‘यह मानना आसान है कि पृथ्वी के पूरी तरह से जन्म लेने से पहले से ही पानी बहुत शुरुआत में ही जमा होना शुरू हो गया होगा।’
उन्होंने कहा,‘इसका मतलब है कि जब पृथ्वी इतनी ठंडी हो गई कि वहां सतह पर पानी स्थिर रह सके, तब वहां पहले से ही पानी था।’