इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मानवाधिकारों के हनन के दस्तावेजीकरण में बांग्लादेश की सहायता करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की। तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञता की पेशकश करते हुए लुईस ने कहा कि यह (अत्याचारों के शिकार लोगों को) मरहम लगाने और सत्य-निर्माण की एक प्रक्रिया है।
यूनुस ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है, यह समय पर हुआ। चर्चा में रोहिंग्या शरणार्थियों की दुर्दशा पर भी चर्चा हुई जिसमें लुईस ने घटती अंतरराष्ट्रीय सहायता पर चिंता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस 13 से 16 मार्च तक बांग्लादेश का दौरा करेंगे।