इस वर्ष एवरेस्ट की चढ़ाई का प्रयास करने वाले पर्वतारोहियों की रिकॉर्ड संख्या के साथ दुर्घटनाओं की संख्या भी काफी अधिक रही है। इस वर्ष अब तक छह पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है। इसमें 85 वर्षीय मीन बहादुर शेरचान की एवरेस्ट फतेह करने वाले सबसे वद्ध व्यक्ति का खिताब फिर से अपने नाम करने की कोशिश में चढ़ाई के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा 'स्विस मशीन' के नाम से मशहूर स्विट्जरलैंड की पर्वतारोही स्टेक की भी एवरेस्ट के निकट की चोटियों पर अकेले चढ़ाई के दौरान मौत हो गई थी।
सरकार के दोहरी विकलांगता वाले और नेत्रहीन पर्वतारोही के पर्वतारोहण पर रोक के निर्णय की कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं। अफगानिस्तान में तैनाती के दौरान अपनी दोनों आंखे खो चुके हरि बुद्धा मागर ने फेसबुक पर सरकार के इस कदम को अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद का निर्णय चाहे जो हो मैं माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करुंगा। कुछ भी असंभव नहीं है।