अंतरिक्ष में रूस का लग्जरी होटल बनेगा

शनिवार, 30 दिसंबर 2017 (11:48 IST)
नई दिल्ली। एक ओर जहां अंतरिक्ष में जीवन की तलाश की जा रही है तो वहीं स्पेस टूरिज्म की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं और कई योजनाएं भी तैयार हैं। कई बड़े देश आमदनी के लिए अंतरिक्ष की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। ऐसी ही एक खास योजना के साथ रूस भी तैयार है। वह अंतरिक्ष में एक लग्जरी होटल का निर्माण करने जा रहा है। 
 
हालांकि यहां ठहरने के लिए आपको तगड़ा खर्चा करना होगा लेकिन अंतरिक्ष में जाने का ख्वाब पाले लोगों के लिए केवल वहां जाना ही नहीं बल्कि रुकने का भी इंतजाम हो जाएगा। 'पॉपुलर मैकेनिक्स' मैगजीन के अनुसार, 'कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष में बनने वाले इस आलीशान होटल में कुछ वक्त बिता सकता है।' 
 
उसे न केवल यहां रुकने का मौका मिलेगा बल्कि अंतरिक्ष में चहल कदमी का अवसर भी मिलेगा। ऐसे साइट सीन जिसकी उसने केवल कल्पना ही की हो, हकीकत में साकार हो सकेंगे। अंतरिक्ष की हवा महसूस करने का रोमांच आपको मिल सकेगा। वहां के दृश्य भी आप देख सकेंगे। 
 
अगर घूमना चाहें तो एक्सपर्ट की व्यवस्था भी होगी। यहां एक सप्ताह की कीमत ही बहुत होगी इसके अलावा अगर ज्यादा रुकना चाहेंगे तो कीमत बढ़ती जाएगी। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉसमस की योजना अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में आलीशान होटल बनाने की है। 
 
इस होटल में बकायदा खास सुविधाओं से युक्त कमरे होंगे जिनकी खिड़कियों से अंतरिक्ष का नजारा देखा जा सकेगा। मेडिकल व हाइजीन स्टेशंस भी होंगे। इस आलीशान होटल में पर्सनल हाइजीन सुविधाओं के अतिरिक्त एक्सरसाइज के उपकरण भी होंगे। इससे भी खास बात यहां वाई-फाई की सुविधाएं भी होंगी। क्या आप इस बारे में सोच भी सकते थे?
 
'पॉपुलर मैकेनिक्‍स' के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष में बनने वाले इस आलीशान होटल में कुछ वक्त बिता सकता है। वहां 1-2 सप्ताह तक रुकने के लिए यात्रियों को 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करना होगा। लेकिन यदि वह अतिरिक्‍त 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान करता है तो एक स्पेस एक्सपर्ट की निगरानी में उसे अंतरिक्ष में चहलकदमी का मौका भी मिलेगा।
 
रूसी स्पेस कॉन्ट्रैक्टर आरकेके एनर्जिया को इस होटल के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इसको बनाने में भी बहुत अधिक खर्चा आएगा। कंपनी का कहना है कि यदि हर साल करीब 12 पैसेंजर्स एक सप्ताह का समय अंतरिक्ष स्टेशन में बनने वाले होटल में बिताएंगे, तब अगले कुछ सालों में इसकी लागत वसूली जा सकेगी।

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