नई दिल्ली। कोरोनावायरस से पूरी दुनिया सहमी हुई है। लंबे समय तक लोग घरों में कैद होने को मजबूर हुए। अब हालात पटरी पर आ रहे हैं, लेकिन ब्रिटिश सरकार के शीर्ष वैज्ञानिकों ने यह कहकर चिंता बढ़ा दी है कि कोरोना का अगला वेरिएंट और ज्यादा घातक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह वेरिएंट तीन लोगों में से 1 की जान ले सकता है।
दरअसल, लंदन के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी यानी SAGE ने इसे लेकर दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। इस अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि कोरोना का जो वेरिएंट भविष्य में आएगा उससे मृत्यु दर 35 फीसदी तक हो सकती है। कहा जा रहा है कि इस सर्दी में बूस्टर वैक्सीन लगाने और संक्रमण को फैलने से रोकने पर म्यूटेंट वेरिएंट को रोकने में मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि कोई भी खतरनाक वेरिएंट तब तैयार होता है, जब वायरस अपने चरम पर होता है। यह स्थिति अभी ब्रिटेन में देखने को मिल रही है। बड़े स्तर पर हुए टीकाकरण के बावजूद भी वायरस को रोक पाना मुश्किल होगा।
अध्ययन में कहा गया है कि सरकार को उन जानवरों को मारने या उनका टीकाकरण करने पर विचार करना चाहिए, जिनमें वायरस पनप सकता है और जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। हालांकि SAGE की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने सुपर म्यूटेंट वेरिएंट की चेतावनी तो दी है, लेकिन इसका नाम नहीं बताया है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि यदि आने वाला वेरिएंट बीटा, अल्फा और डेल्टा का मिलाजुला रूप होता है, तो उस पर वैक्सीन भी बेअसर हो सकती हैं। माना जा रहा है कि नया वायरस इसलिए ज्यादा घातक हो सकता है कि नए वेरिएंट पर वैक्सीन पूरी तरह कारगर नहीं होती।