उत्तर कोरिया के पास है रासायनिक हथियारों का जखीरा : सोल

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017 (14:30 IST)
सोल। दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास 5,000 टन से ज्यादा रासायनिक हथियारों का जखीरा है। उसमें से वह रसायन भी शामिल है जिसका उपयोग उत्तर कोरिया के नेता के सौतेले भाई की हत्या में किया गया है।
 
मलेशिया की पुलिस ने बताया कि किम जोंग-नाम के चेहरे और आंख से वीएक्स-नर्व एजेंट रसायन मिला है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने सामूहिक विनाश के हथियार की सूची में शामिल किया हुआ है। नाम को कुआलालंपुर के हवाई अड्डे पर पिछले सप्ताह जहर दिया गया था।
 
मलेशिया की पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है-जिसमें इंडोनेशिया और वियतनाम की एक एक महिला और उत्तर कोरिया का एक व्यक्ति शामिल हैं। लेकिन पुलिस सात अन्य लोगों से भी पूछताछ करना चाहती है। ऐसा माना जा रहा है कि उनमें से चार प्योंगयांग भाग गए हैं।
 
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने 2014 के अपने श्वेत पत्र में कहा है कि उत्तर कोरिया ने 1980 से ही रासायनिक हथियार बनाना शुरू कर दिया था और ऐसा अनुमान है कि इसने 2,500 से लेकर 5,000 टन तक का भंडार जमा कर लिया है।
 
निजी कोरिया रक्षा नेटवर्क के रक्षा विशेषज्ञ ली वु ने बताया, 'ऐसा माना जाता है कि उत्तर कोरिया के पास वीएक्स का भंडार है। इसका उत्पादन कम खर्चे पर आसानी से किया जा सकता है।' उन्होंने बताया कि इसका विकास 100 साल पहले किया गया था। वीएक्स का उत्पादन किसी भी छोटी प्रयोगशाला और कीटनाशक के उत्पादन की सुविधा वाले स्थान पर हो सकता है।
 
उत्तर कोरिया ने वैश्विक रासायनिक हथियार करार पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके तहत रासायनिक हथियारों के उत्पादन, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध है। इस संधि पर 160 से ज्यादा देशों ने हस्ताक्षर किया है जो कि 1997 से अस्तित्व में है। (भाषा) 

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