'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अपनी खबर में पाक सरकार के अधिकारियों को उद्धृत करते हुए कहा कि इमरान की इस यात्रा के दौरान चीन तीन अरब डॉलर के एक और कर्ज को मंजूरी दे सकता है। चीन पहले ही पाकिस्तान को 11 अरब डॉलर के कर्ज दे चुका है। पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान ने ब्याज के तौर पर चीन को 26 अरब पाकिस्तानी रुपए का भुगतान किया था।
इसके अलावा पाकिस्तान प्राथमिकता वाले 6 क्षेत्रों में चीन का निवेश आकर्षित करने के लिए भी कोशिश में लगा हुआ है। पाकिस्तान निवेश बोर्ड के प्रमुख अजफर अहसान ने कहा कि हम कपड़ा, फुटवियर, फार्मा, फर्नीचर, कृषि, वाहन एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में चीन से निवेश जुटाने की कोशिश करेंगे।
इसके लिए पाकिस्तान चीन की करीब 75 कंपनियों को पश्चिम एशिया, अफ्रीका एवं विश्व के अन्य हिस्सों तक व्यापार मार्ग देने का भी भरोसा दिलाएगा। इससे ढुलाई एवं श्रम की लागत में कमी आएगी। संघीय नियोजन एवं विकास मंत्री असद उमर ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्राधिकरण के सक्रिय होने के बाद सरकार ने विदेशी निवेश जुटाने के लिए इन क्षेत्रों को चिह्नित किया है।