आतंकवादियों को हथियार, गोला-बारूद से लेकर आर्थिक मदद मुहैया करवाने वाले पाकिस्तान के जो हाल इन दिनों है, वह किसी भी शासक के लिए डूब मरने की स्थिति है। दरअसल, पाकिस्तान में आटे और अनाज के लिए लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। लाइनों में लगे ये लोग मुट्ठीभर आटे के दम तोड़ रहे हैं। दो वक्त की तो छोड़िए, लोगों को एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। किसी प्रधानमंत्री के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है?
पाकिस्तान की आर्थिक हालत दिनोदिन बिगड़ती जा रही है, वहीं कुछ समय पहले आई बाढ़ ने 'कोढ़ में खाज' का काम कर दिया। हालात पहले से और ज्यादा खराब हो गए। वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिखाई देता है कि लोगों में आटा और अन्न खरीदने के लिए किस कदर मारामारी मची है। सब्सिडी आटा खरीदने के लिए मची भगदड़ में सिंध प्रांत के मीरपुर जिले में 4 लोगों की मौत हो गई थी। कई अन्य स्थानों पर भी लोगों के मरने की खबरें हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक आसमान छूती महंगाई के कारण पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 20 किलो आटा 3100 रुपए तक बिक रहा है। कराची में एक किलो आटा 160 रुपए, इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो आटा 1500 रुपए में बिक रहा है। यदि IMF की शर्तें मानी जाए तो महंगाई 40 फीसदी तक बढ़ जाएगी। इसके चलते कठिन निर्णयों को लागू करना होगा, देश में मुद्रास्फीति में वृद्धि होगी और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मुद्रा का अवमूल्यन होगा।
दूसरी ओर, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की रिपोर्ट्स के अनुसार जून 2023 में पाकिस्तान की आर्थिक विकास वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत तक घटने का अनुमान लगाया गया है। विश्व बैंक के अनुसार विकास वृद्धि दर (GDP) घटकर 2 प्रतिशत पर आ सकती है। ऐसे में आने वाले समय में हालात और भयावह हो सकते हैं।
कुछ महीनों पहले ही पाकिस्तान में भीषण बाढ़ की मार से 80% तक फसल बर्बाद हो गई। इससे सैकड़ों लोगों की मौत हुई, वहीं करीब 33 लाख लोग प्रभावित हुए। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध से उपजी वैश्विक परिस्थितियों ने भी पाकिस्तान के हालात और बिगाड़ दिए।