इस अध्यादेश में भुट्टो तथा अन्य नेताओं को उनके खिलाफ सभी अदालती मामलों में माफी दे दी गई थी। हालांकि अदालत ने बाद में एनआरओ को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक, नोटिस संयुक्त अरब अमीरात में दो समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जाएगा, जहां पिछले दो साल से 74 वर्षीय मुशर्रफ रह रहे हैं।
याचिकाकर्ता फिरोज शाह गिलानी ने मुशर्रफ, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक अब्दुल कयूम को प्रतिवादी बनाते हुए अदालत से अनुरोध किया कि गैरकानूनी माध्यमों से इन लोगों द्वारा बर्बाद की गई और गलत तरह से इस्तेमाल की गई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई की जाए। (भाषा)