प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार को रूस (Russia Visit) के दो दिवसीय दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंचे। पीएम मोदी का रूस में जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum) की बैठक में भाग लेंगे। पीएम मोदी 3 दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषयों पर वार्ता करेंगे। पीएम मोदी भारत-रूस के 20वें सालाना शिखर सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा का हर अपडेट-
- व्लादिवोस्तोक इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पीएम मोदी को सम्मान में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
- ज्वेज्दा यार्ड जाने से पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया। प्रधानमंत्री मोदी ने यार्ड के प्रबंधकों एवं कर्मियों से बातचीत की।
- भविष्य में इस यार्ड पर निर्मित पोतों का प्रयोग भारत समेत वैश्विक बाजार में रूसी तेल और द्रवित प्राकृतिक गैस पहुंचाने में किया जाएगा।
- मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही वे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें।
- रूस (Russia) के सुदूर पूर्व शहर व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी रूसी बंदरगाह शहर के लिए अपनी रवानागी से पहले बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापक वार्ता करने वाले हैं।
- पीएम मोदी ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि यह यात्रा नए रास्ते पर ले जाएगी। नई ऊर्जा देगी और दोनों देशों के बीच संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।
- अपनी दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से मोदी ने दिल्ली में एक बयान में कहा था, मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों तथा आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हूं।
- ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम (EEF) से इतर होने वाले 20 वें रूस-भारत शिखर बैठक के दायरे में दोनों देश करीब 15 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिनमें कुछ सैन्य-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी होंगे।
- मोदी ने कहा, यह मंच रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में कारोबार एवं निवेश अवसरों के विकास पर जोर देने तथा इस क्षेत्र में भारत और रूस के बीच साझा लाभ के लिए सहयोग बढ़ाने का व्यापक अवसर प्रदान करता है।