स्थान के अनुसार समायोजित होने वाले इसके पंख प्रोपेलर से जुड़े हुए हैं, जो इसे एक हेलीकॉप्टर की तरह उड़ान भरने में मदद करते हैं। इस टेक्नोलॉजी के बारे में सॉफ्ट रोबोटिक्स नामक जर्नल में विस्तार से बताया गया है। इस तकनीक के जरिए भविष्य में ऐसे रोबोट तैयार किए जा सकते हैं, जो तंग स्थानों पर भी आराम से जा सकेंगे।
इसके चलते इन रोबोट से तलाशी अभियानों और बचाव कार्यों में मदद मिल सकेगी। भीड़भाड़ वाले और घने इलाकों जैसे जंगल आदि में रोबोट आसानी से उड़ान भर सकें, इसके लिए उनमें पक्षियों की खूबियों का होना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने पक्षियों से प्रेरित होकर इस रोबोट को तैयार किया है।
फ्रांस स्थित सेंटर नेशनल डे ला रिसर्च साइंटिफिक (सीएनआरएस) के वैज्ञानिकों ने इन्हीं खूबियों को समाहित करते हुए उड़ने वाला रोबोट तैयार किया है, जो उड़ान भरते हुए ही अपने पंखों को बड़ा और छोटा कर सकता है। पंखों के फैलाव को कम या ज्यादा करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की भी जरूरत नहीं होती है।
इस रोबोट में दो घूमने वाली भुजाएं लगी हैं, जो दो प्रोपेलर से जुड़ी हैं। इनकी मदद से यह रोबोट नौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है, जो अभी तक के उड़ने वाले रोबोट की तुलना में काफी अच्छी है। इसके साथ ही, इसमें लगा कैमरा एक सेकंड में 120 तस्वीरें भी ले सकता है। (प्रतीकात्मक चित्र)