दुनिया के आखिरी सफेद गैंडे की मौत की दर्दनाक कहानी

Webdunia
गुरुवार, 22 मार्च 2018 (14:27 IST)
नैरोबी। दुनिया में पशुओं की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। इन प्रजातियों को बचाने के लिए कई प्रयास चल रहे हैं, लेकिन  फिर भी कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। पशु-पक्षियों की कई प्रजातियों को हमने लालच और स्वार्थ के कारण इस पृथ्वी से लुप्त कर दिया है। आपको जानकर हैरानी गैंडे जैसी मशहूर प्रजाति जल्द ही पृथ्वी को 'अलविदा' कह देगी। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
 
 
दुनिया के आखिरी सफेद गैंडे की मौत की खबर आई। अब वह समय भी दूर नहीं जब डायनासोर की तरह हम गैंडों की कहानियां भी सुनेंगे कि कभी पृथ्वी पर गैंडें हुआ करते थे। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार दुनिया के आखिरी सफेद नर गैंडे ‘सुडान’ की उम्र संबंधी समस्याओं के कारण मौत हो गई है। केन्या के‘ओआई पेजेटा अभयारण्य’ से जारी एक बयान में कहा गया है कि 45 वर्षीय गैंडे की हालत खराब होने के बाद मौत की दवा दे दी गई। उम्र संबंधी बीमारी के कारण सुडान की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो गई थीं। इतना ही नहीं, उसकी त्वचा पर कई घाव तक हो गए थे। खराब हालत की वजह से सुडान ने फरवरी के आखिरी दो हफ्ते लेटे-लेटे बिताए।  
यह नर गैंडा दो जीवित मादा गैंडों की मदद से विलुप्त होने वाली इस प्रजाति को बचाने के एक महत्वाकांक्षी प्रयास का एक हिस्सा था। 1960 मध्य अफ्रीका के जंगलों में इन गैंडों की संख्या करीब 2000 थी। एक समय‘सुडान’काफी लोकप्रिय था। हजारों लोग उसे देखने के लिए आते थे। सूडान का नाम पिछले काफी सालों से चर्चा में था। वह अपनी प्रजाति का आखिरी पुरुष गैंडा था। 
 
गैंडे के सींग की बढ़ती मांग को पूरा करने को लेकर सूडान अपनी ही दुनिया से विलुप्त हो गया सूडान का केन्या के ओल पेजेटा कंजरवेंसी में खूब ख्याल रखा जाता था। यही नहीं सुरक्षा के नाम पर इसके साथ गनमैन भी तैनात रहते थे। सूडान के जाने के बाद अब नॉर्दन सफेद गैंडों के नाम पर दो मादा गैंडे बची हैं और इन्हें भी शिकारियों से बचाने के लिए पूरी चौकसी में रखा जाता है। अगर अभी मनुष्य ने इन प्रजातियों के संरक्षण के प्रयास नहीं किए तो आने वाले वक्त में यह पृथ्वी इंसानों के झुंडों से भरी हुई दिखेगी।   (Photo Courtesy : Twitter)

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