IPL 2023 में दिल्ली की दुर्दशा की कहानी ऐसे लिखी कोच रिकी पोंटिंग ने

Webdunia
सोमवार, 17 अप्रैल 2023 (13:31 IST)
दिल्ली कैपिटल्स की लगातार 5 हार के लिए दिल्ली के फैंस कप्तान डेविड वॉर्नर और कुछ खिलाड़ियों पर दोषारोपण कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली के दोयम दर्जे की कहानी रिकी पोंटिंग ने टूर्नामेंट से पहले ही लिख दी थी। रिकी पोंटिंग के दिमाग में टीम के प्रदर्शन से ज्यादा यह बात दिमाग में थी कि एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को कप्तानी मिले।

डेविड वॉर्नर का फॉर्म था सवालों के घेरे में

ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर का फॉर्म आईपीएल से कहीं पहले ही सवालों के घेरे में था। ना ही वह टी-20 विश्वकप में कुछ कमाल दिखा पाए थे। ना ही हाल ही में संपन्न हुई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में रन बना पाए थे। भारत के खिलाफ एकमात्र वनडे मैच में भी वह बमुश्किल 23 रन बना पाए थे।

जब एक खिलाड़ी ऐसे बुरे फॉर्म से गुजर रहा हो तो उसको आईपीएल टीम की कप्तानी देने का कोई तुक नहीं बनता। इसके अलावा वह  बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में चोटिल होकर भी बाहर हुए। फॉर्म के साथ उनकी फिटनेस भी सवालों के घेरे में थी। लेकिन फिर भी रिकी पोंटिंग उनको कप्तान बनाकर माने। अगर डेविड वॉर्नर कप्तान नहीं होते तो उनकी खुद की जगह अंतिम ग्यारह में नहीं बनती। यु उन्होंने खुद ही साबित कर दिया।

स्ट्राइक रेट ने बता दिया डेविड वॉर्नर हैं स्वार्थी

आईपीएल में एक बार ट्रॉफी उठा चुके कप्तान डेविड वॉर्नर की धीमी स्ट्राइक रेट ने उनपर स्वार्थी होने के आरोप लगाए।राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली के सामने 200 रन का लक्ष्य रखा, जिसके जवाब में वॉर्नर की टीम 142 रन ही बना सकी। वार्नर ने राजस्थान के खिलाफ 55 गेंद पर 65 रन की धीमी पारी खेली। वहीं मंगलवार को मुंबई इंडियन्स के खिलाफ वह अपने अर्धशतक तक 43 गेंदो में पहुंचे और 47 गेंदो में सिर्फ 51 रन बना सके।लखनऊ और गुजरात के खिलाफ भी उन्होंने धीमी पारी खेली थी।बैंगलोर के खिलाफ उन्होंने जरूर इसमें सुधार किया लेकिन यह पारी बहुत छोटी रही और उन्होंने 13 गेंदो में 4 चौके के साथ सिर्फ 19 रन बनाए।

यूं तो डेविड वॉर्नर ऑरेंज कैप की दौड़ में है और 5 मैचों में 3 अर्धशतक लगा कर 228 रन बना चुके हैं।लेकिन उनकी धीमी बल्लेबाजी से टीम उतने रन नहीं बना पा रही जितने टीम को जीत के लिए चाहिए। इसका अंदाजा इस ही बात से लगाया जा सकता है कि अब तक डेविड वॉर्नर 1 भी छक्का लगाने में नाकाम रहे हैं।

पृथ्वी शॉ को बुरे फॉर्म के बाद भी कई मौके

डेविड वॉर्नर के बचाव में एक पक्ष का यह कहना है कि वह धीमी स्ट्राइक रेट के कारण इसलिए खेले क्योंकि दिल्ली का कोई भी बल्लेबाज फॉर्म में नहीं दिखा। पृथ्वी शॉ को बुरे फॉर्म के बाद भी कई मौके दिए गए । इसके पीछे भी रिकी पोंटिंग का हाथ है। 5 मैच में 6 की औसत से पृथ्वी सिर्फ 34 रन बना सके हैं। अभी तक उन्होंने फिल साल्ट को मौका नहीं दिया है जो इंग्लैंड के विस्फोटक बल्लेबाज हैं। इसमें भी रिकी पोंटिंग की मंशा दिखती है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर इंग्लैंड के क्रिकेटरों को खास पसंद नहीं करते

गेंदबाजों की दुर्दशा

इस वर्गम में तो रिकी पोंटिंग को भी दोष देना ठीक नहीं रहेगा। दिल्ली के गेंदबाजों में सिर्फ कुलदीप यादव ही कुछ प्रभाव छोड़ पाए हैं। चाहें देशी हो या विदेशी दिल्ली के गेंदबाज लय में नहीं दिखे। एनरिच नोर्त्जे से आशा थी तो उनकी तेजी बल्लेबाजों को परेशान करने से ज्यादा उनके शॉट्स की टाइमिंग ठीक करने में मदद कर रही है।

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