IPL 2008 का पहला मैच आज 18 अप्रैल साल 2008 को खेला गया था। कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का यह मैच इतना मशहूर हुआ कि इसने आईपीएल की लोकप्रियता कभी गिरने नहीं दी। यह मैच कोलकाता के ब्रेंडन मक्कलम की तूफानी पारी के लिए आज भी याद किया जाता है।
मक्कलम छक्के पर छक्का मारते रहे और झूमते रहे शाहरुख खान
बैंडन मैकुलम की नाबाद 158 रन की आतिशी पारी से शाहरुख खान ने जो झूमना शुरू किया, वह आखिर में उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स की आईपीएल ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स पर 140 रन की रिकॉर्ड जीत तक चलता रहा।
नाइट राइडर्स की तरफ से पहले मैकुलम ने तूफान मचाया और बाद में गेंदबाजों ने कमाल दिखाया। मैकुलम ने केवल 73 गेंद पर 216.43 की स्ट्राइक रेट से आईपीएल के पहले मैच में ही शतक ठोंक दिया, जिसमें दस चौके और 13 छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी से नाइट राइडर्स ने तीन विकेट पर 222 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था।
इसके बाद गेंदबाजों ने भी बॉलीवुड के किंग खान को खुशी में झूमने का भरपूर मौका दिया। विजय माल्या के स्वामित्व वाली टेस्ट दिग्गजों से भरी बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स की टीम किसी भी समय मुकाबले में नहीं दिखी और पाँच ओवर शेष रहते ही 82 रनों पर सिमट गई। नाइट राइडर्स के अनुभवी गेंदबाज अजित आगरकर ने तीन विकेट जबकि गेंदबाजी का आगाज करने वाले अशोक डिंडा और कप्तान सौरव गांगुली को दो-दो विकेट मिले, लेकिन मैच के बादशाह तो न्यूजीलैंड के मैकुलम रहे, जिन्होंने अपनी 'धूम मचा दे' शैली की बल्लेबाजी से चिन्नास्वामी स्टेडियम में खूब धमाल मचाया।
कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख अपने परिवार के साथ पहुँचे थे और मैकुलम ने शायद ही किसी समय उन्हें कुर्सी पर बैठने का मौका दिया। मैकुलम ने जब 53 गेंद पर आठ चौकों और सात छक्कों की मदद से शतक पूरा किया तो किंग खान कुर्सी से उछल पड़े। मैकुलम जब केवल 70 गेंद पर 150 रन पर पहुँचे तो शाहरुख ने दोनों हाथ ऊपर उठा दिए।
मैकुलम ने अपनी इस पारी के दौरान ट्वेंटी-20 क्रिकेट का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर भी बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड कैमरून व्हाइट (141) के नाम पर था।
रॉयल चैलेंजर्स की तरफ से गेंद पहली बार पाँचवें ओवर में सीमा रेखा पार गई जब कैलिस ने आगरकर की गेंद पर छक्का जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर वह मुरली कार्तिक को आसान कैच दे गए। उसकी तरफ से दो और छक्के प्रवीण कुमार (नाबाद 18) ने लगाए, जो दोहरे अंक में पहुँचने वाले अकेले बल्लेबाज थे।