Bengaluru water crisis : बेंगलुरु में IPL Match नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की निगरानी में

WD Sports Desk
शनिवार, 6 अप्रैल 2024 (15:55 IST)
Bengaluru water crisis IPL matches :  राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) ने शहर में पानी के बढ़ते संकट के बीच Karnataka State Cricket Association (केएससीए) और अन्य संबंधित राज्य अधिकारियों को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मुकाबलों के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की जानकारी का ब्यौरा देने को कहा है।
 
NGT ने राज्य क्रिकेट संघ के अलावा बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (Bengaluru Water Supply and Sewerage Board) और कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Karnataka State Pollution Control Board) से भी पानी के स्रोत और इसकी मात्रा के बारे में दो मई तक जानकारी सौंपने को कहा है।
 
KSCA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शुभेंदू घोष ने कहा, ‘‘हमने नोटिस देख लिया है और वैसे स्टेडियम एनजीटी के नियमों का पालन करता है। इसलिए हमें मुकाबलों के आयोजित होने का भरोसा है। ’’
 
IPL मुकाबलों के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम को ‘ट्रीट’ (किसी प्रक्रिया से स्वच्छ किया गया) पानी की सप्लाई मिलने की रिपोर्ट आने के बाद एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लिया।
 
इस स्टेडियम में तीन मैच पहले ही खेले जा चुके हैं और पता लगा है कि इन मुकाबलों में प्रत्येक के लिए 75,000 लीटर ‘ट्रीट’ पानी का इस्तेमाल किया गया।
 
Chinnaswamy Stadium में चार और आईपीएल मैच 15 अप्रैल, चार मई, 12 मई और 18 मई को खेले जाने हैं।
 
एनजीटी चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और डाक्टर ए सेंथिल वे (विशेषज्ञ सदस्य) ने मामला दर्ज कर लिया है।

ALSO READ: Pakistan में जन्मे इस Cricket खिलाड़ी पर देश से धोखाधड़ी करने के आरोप में लगा 5 साल का बैन
<

Water crises in Bengaluru: NGT issues notice to cricket body for supply of treated water in Chinnaswamy Stadium for IPL matches

Read @ANI Story | https://t.co/iJXHZIgzk6#BengaluruWaterCrisis #Bengaluru #ChinnaswamyStadium #NationalGreenTribunal pic.twitter.com/Oh2gf4Zrb1

— ANI Digital (@ani_digital) April 5, 2024 >
कर्नाटक सरकार ने पौधों में पानी देने, वाहनों को धोने तथा अन्य कई कामों के लिए पीने के पानी के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध लगाया हुआ है।
 
केएससीए अधिकारियों ने कहा कि वे पिच या आउटफील्ड पर पानी देने के लिए न तो पीने के पानी और न ही भूजल का इस्तेमाल कर रहे हैं। (भाषा)