प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा लक्षद्वीप समूह के 11 द्वीपों को 1072 करोड़ रुपए की लागत से समुद्री केबल के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ने तथा अरुणाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों और असम के दो जिलों में 4जी सेवा शुरू करने का भी फैसला लिया गया।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि देशभर में डिजीटल तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वानी) योजना शुरू करने जा रही है। इसके अंतर्गत देश में जगह-जगह पब्लिक डाटा ऑफिस (पीडीओ) स्थापित किए जाएंगे। कोई किराना की दुकान या पान की दुकान या फोटोकॉपी दुकान को पीडीओ बनाया जा सकता है। उसे न कोई पंजीकरण कराना होगा, न कोई शुल्क देना होगा और न ही कोई लाइसेंस लेना होगी। इसके बाद पीडीओ एग्रीगेटर और ऐप डेवलपर होंगे। उन्हें केन्द्र सरकार आवेदन के 7 दिनों के भीतर ही ऑनलाइन पंजीकरण देगी।
इस परियोजना में एक समर्पित सबमरीन ओएफसी के जरिए कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों – कवरत्ती, कलपेनी, अगति, अमिनी, एंड्रोथ, मिनीकॉय, बंगाराम, बित्रा, चेटलाट, किल्तान और कदमत के बीच एक सीधा दूरसंचार लिंक उपलब्ध होगा।
प्रसाद ने कहा कि परियोजना नागरिकों को उनके घर पर ही ई-सुशासन सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। इसके अलावा मत्स्य क्षेत्र की क्षमता विकास, नारियल आधारित उद्योगों, पर्यटन, दूरस्थ शिक्षा के जरिए शैक्षिक विकास और टेलीमेडिसिन सुविधाओं से स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी। इस परियोजना से अनेक उद्यमों की स्थापना, ई-कॉमर्स गतिविधियों को बढ़ावा देने और शैक्षिक संस्थानों में ज्ञान साझा करने में पर्याप्त मदद मिलेगी। लक्षद्वीप के द्वीपों में लॉजिस्टिक सेवाओं के लिहाज से एक विशाल हब बनने की क्षमता है।