* यदि इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन कर सके तो बेहतर होगा।
* प्रात: जल्दी उठकर दोबार राम-सीता एवं हनुमानजी को याद करें।
* जल्दी सवेरे स्नान व ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें।
* साफ-स्वच्छ वस्त्रों में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें।
* इसके पश्चात षोडशोपचार की विधि-विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें।
* हनुमानजी की पूजा में हनुमत कवच मंत्र का जाप अवश्य करें। कवच मंत्र का जाप तुरंत फलदायी होता है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।