कहानियों का मजा

Seema pandey
प्यारे बच्चों,

और सुनाओ अभी क्या चल रहा है। छु‍ट्‍टियों में काफी कुछ कर लिया और अब आगे कुछ सूझ नहीं रहा न। दिन-दिन भर खेलना, शाम को घूमना और मस्ती सभी कुछ कर लिया। अब लग रहा है कि बहुत हुआ अब तो बस स्कूल खुल जाएँ जल्दी से तो पढ़ाई शुरू कर दें। क्यों बताओ न! सही कह रही हूँ या गलत? अब भी खेलते रहने को मन कर रहा है या पढ़ने की हूक उठ रही है। देखो यदि पढ़ना ही चाहते हो तो कुछ अच्छी किताबें भी पढ़ सकते हो।

अब बात आ जाती है ले-देकर चिंटूजी पर। हमारे चिंटूजी ने तो एक पुस्तकालय ज्वाइन कर लिया है। बस सुबह नाश्ता करने के बाद घंटे दो घंटे वहीं बैठकर पढ़ते रहते हैं। कुछ कहानियाँ तो मुझे भी आकर सुनाते हैं। मुझे भी बहुत मजा आता है और उन्हें भी लगता है कि हाँ पहली बार दीदी को कुछ सुना रहे हैं।

और तो और हमेशा कहानी सुनाने वाले दादाजी को भी उन्होंने बहुत-सी कहानियाँ सुना डालीं। तुम भी अच्छी-अच्छी कहानियाँ पढ़ो और सबको सुनाओ फिर देखो कितना मजा आता है।

तुम्हारी दीदी
सीम



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