होली कविता : रंग गुलाल का पर्व

शनिवार, 11 मार्च 2017 (11:27 IST)
- रूपल घनघोरिया 
 

 
चलो मनाएं आज हम होली,
सबको दिखाएं रंगों की बोली।
 
गली-गली में बच्चे आते,
सबको रंग-गुलाल लगाते।
 
होली हमें बहुत हरषाती,
सबके लिए खुशी है लाती। 
 
सबका है एक ही नारा,
होली पर्व है सबका प्यारा। 

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साभार- देवपुत्र 

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