जीएसटी लागू करने का सही समय- एसोचैम

सोमवार, 3 जुलाई 2017 (08:34 IST)
उद्योग संगठन एसोचैम ने दबे शब्दों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए आज कहा कि नयी कर व्यवस्था लागू करने के लिए इससे सही समय नहीं हो सकता जब महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर पर है।
             
एसोचैम ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मई में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 2.18 प्रतिशत है जो चार साल का निचला स्तर है। यह जीएसटी लागू करने के लिए महंगाई की दृष्टि से बिल्कुल सही समय है। 
              
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, "मई में थोक मुद्रास्फीति की दर भी 2.17 प्रतिशत रही है। आरंभिक चरण में मानसून की बारिश भी अच्छी हुई है। इससे बहुत सी वस्तुओं की कीमतों में नरमी आनी चाहिए। उपभोक्ता खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति पिछले साल मई के 7.47 प्रतिशत से घटकर इस साल मई में 1.05 प्रतिशत पर आ गयी है।"
             
एसोचैम ने कहा है कि जीएसटी में आरंभ में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन वृहद स्तर पर महत्वपूर्ण आर्थिक मानक बिल्कुल उचित स्थान पर हैं। इसलिए यदि कुछ वस्तुओं के दाम बढ़ते भी हैं तो पर्याप्त आपूर्ति से यह सुनिश्चित होगा कि ओवरऑल दाम तेजी से नहीं बढ़ेंगे। 
            
कुछ उपभोक्ता उत्पादों की महंगाई दर अभी एक से तीन प्रतिशत के बीच है और आने वाले महीने में इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है। उसने व्यापारियों को सहारा देकर और उपभोक्ताओं को जागरूक कर जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया को सहज बनाने की अपील की है।
 
विज्ञप्ति में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भी कमी आयी है और यह 50 डॉलर के नीचे बनी हुई है। इसके निकट भविष्य में बढ़ने की भी संभावना नहीं है। इससे भारत को फायदा मिलेगा और जीएसटी लागू करते समय महंगाई बढ़ने का खतरा नहीं है।
 
एसोचैम ने कहा कि इस समय उपभोक्ता मांग कमजोर बनी हुई है और ऐसे में कोई कारण नहीं है कि उद्योग जीएसटी से होने वाला कर लाभ उपभोक्ताओं को न दें। इस समय उद्योगों की प्राथमिकता उपभोक्ता मांग और उत्पादन बढ़ाकर क्षमता दोहन बढ़ाना है। इसलिए करों में होने वाली कोई भी कमी सिर्फ मांग और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी। (वार्ता) 

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