एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, "मई में थोक मुद्रास्फीति की दर भी 2.17 प्रतिशत रही है। आरंभिक चरण में मानसून की बारिश भी अच्छी हुई है। इससे बहुत सी वस्तुओं की कीमतों में नरमी आनी चाहिए। उपभोक्ता खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति पिछले साल मई के 7.47 प्रतिशत से घटकर इस साल मई में 1.05 प्रतिशत पर आ गयी है।"
एसोचैम ने कहा है कि जीएसटी में आरंभ में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन वृहद स्तर पर महत्वपूर्ण आर्थिक मानक बिल्कुल उचित स्थान पर हैं। इसलिए यदि कुछ वस्तुओं के दाम बढ़ते भी हैं तो पर्याप्त आपूर्ति से यह सुनिश्चित होगा कि ओवरऑल दाम तेजी से नहीं बढ़ेंगे।
एसोचैम ने कहा कि इस समय उपभोक्ता मांग कमजोर बनी हुई है और ऐसे में कोई कारण नहीं है कि उद्योग जीएसटी से होने वाला कर लाभ उपभोक्ताओं को न दें। इस समय उद्योगों की प्राथमिकता उपभोक्ता मांग और उत्पादन बढ़ाकर क्षमता दोहन बढ़ाना है। इसलिए करों में होने वाली कोई भी कमी सिर्फ मांग और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी। (वार्ता)