सरकार जिन बैंकों का विलय करने जा रही है, उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि बैंकों का विलय हमारे एजेंडे में शामिल है। इस क्रम में पहला कदम उठा लिया गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय से कर्मचारियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। उन्हें बेहतर सेवा शर्तें मुहैया करवाई जाएंगी।
जेटली की अध्यक्षता में यहां वैकल्पिक तंत्र (एएम) की बैठक हुई जिसमें इन तीनों सरकारी बैंकों को विलय पर विचार करने का निर्णय लिया गया। इस तंत्र में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रेलमंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। संभावित विलय के बाद इनका कारोबार करीब 15 लाख करोड़ रुपए का होगा और यह देश का तीसरा बड़ा बैंक बन जाएगा।