नई दिल्ली। एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने बीपी पीएलसी के कानूनी खर्च की भरपाई का दावा खारिज कर दिया है। न्यायाधिकरण ने कहा कि कंपनी भारत सरकार से किसी कानूनी खर्च की मांग नहीं कर सकती है, क्योंकि वह कभी भी अपने भागीदार रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा दायर मुकदमे का हिस्सा नहीं थी।
न्यायाधिकरण ने भारत सरकार को कहा कि वह कानूनी खर्च के तौर पर रिलायंस को 83 लाख डॉलर का भुगतान करे। हालांकि न्यायाधिकरण ने बीपी के 14.7 लाख डॉलर और कनाडा की निको के 1,56,930.03 डॉलर के दावे को खारिज कर दिया। न्यायाधिकरण ने कहा कि बीपी मामले में शामिल नहीं थी, ऐसे में उसकी लागत को रिलायंस के दावे में शामिल नहीं किया जा सकता। बीपी इंडिया ने इस बाबत भेजे गए ई-मेल का अभी जवाब नहीं दिया है। (भाषा)