चिदंबरम ने कहा, '2014 और 2021 के बीच कच्चे तेल की कीमतें 60 अमेरिकी डॉलर से नीचे थीं, फिर भी सरकार ने पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करने वाले लोगों को कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ नहीं दिया है।'
उन्होंने कहा कि 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो कच्चे तेल की कीमत तेजी से बढ़ी, लेकिन अब यह गिरकर 75 अमेरिकी डॉलर पर आ गई है। साफ है कि सरकार लोगों की कीमत पर उच्च करों और उपकरों के जरिए मुनाफा कमा कर रही है। (भाषा)