एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है, 2021 के लिए हमारा वृद्धि दर का अनुमान 11 प्रतिशत है। उसके बाद अगले 2 साल के दौरान वृद्धि दर 6.1 और 6.4 प्रतिशत रहेगी। कुछ लक्षित लॉकडाउन पहले ही लागू हो गए हैं और आगे और लॉकडाउन हो सकते हैं। लॉकडाउन की अवधि और दायरे के हिसाब से इनका अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा।
फिलहाल एसएंडपी ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- की रेटिंग दी हुई है। एसएंडपी का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था को तेजी से दोबारा खोलने तथा वित्तीय प्रोत्साहनों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत की गिरावट आई।
पिछले सप्ताह एक अन्य वैश्विक एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा था कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से भारत के वृद्धि दर के अनुमान में जोखिम है। हालांकि मूडीज ने कहा था कि पिछले साल गतिविधियां काफी सीमित रहने की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगी। (भाषा)