केंद्रीय बैंक की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर टिप्पणी करते हुए उद्योग मंडल सीआईआई ने एक बयान में कहा है, ‘...यह कहते हुए सीआईआई का मानना है कि ब्याज दर में बड़ी कटौती बाजार की वास्तविकताओं के अधिक अनुकूल होती।’
उद्योग मंडल फिक्की ने भी कमोबेश यही राय व्यक्त की है। फिक्की ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘कमजोर निजी निवेश चक्र को देखते हुए मौजूदा माहौल में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती अपेक्षित थी।’ फिक्की का मानना है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती से निवेश धारणा को बल मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार, उद्योग और बाजार की उम्मीदों के अनुरूप कदम उठाते हुए रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर उसे 6 प्रतिशत कर दिया। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि मुद्रास्फीति का जोखिम पहले से कम हुआ है। रेपो दर में कटौती के उसके कदम से आवास, वाहन और कंपनियों को दिए जाने वाले कर्ज के सस्ता होने की उम्मीद है।