ब्याज दर में बड़ी कटौती अपेक्षि​त थी : उद्योग जगत

बुधवार, 2 अगस्त 2017 (21:29 IST)
नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने आज कहा कि मौजूदा परिदृश्य में उसे भारतीय रिजर्व बैंक से नीतिगत ब्याज दर में बड़ी कटौती की अपेक्षा थी ताकि निवेश व वृद्धि को बल दिया जा सके।
 
हालांकि प्रमुख बैंकर दीपक पारेख ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा अपनी नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती किया जाना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा कदम है।
 
केंद्रीय बैंक की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर टिप्पणी करते हुए उद्योग मंडल सीआईआई ने एक बयान में कहा है, ‘...यह कहते हुए सीआईआई का मानना है कि ब्याज दर में बड़ी कटौती बाजार की वास्तविकताओं के अधिक अनुकूल होती।’ 
 
उद्योग मंडल फिक्की ने भी कमोबेश यही राय व्यक्त की है। फिक्की ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘​कमजोर निजी निवेश चक्र को देखते हुए मौजूदा माहौल में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती अपेक्षित थी।’ फिक्की का मानना है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती से निवेश धारणा को बल मिलेगा।
 
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि इस कदम से ऐसे समय में वृद्धि को बल मिलेगा जबकि निजी निवेश मंद है। पीएचडीसीसीआई का मानना है कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती से न केवल कारोबार लागत घटेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता मजबूत होगी। 
 
उल्लेखनीय है कि सरकार, उद्योग और बाजार की उम्मीदों के अनुरूप कदम उठाते हुए रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर उसे 6 प्रतिशत कर दिया। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि मुद्रास्फीति का जोखिम पहले से कम हुआ है। रेपो दर में कटौती के उसके कदम से आवास, वाहन और कंपनियों को दिए जाने वाले कर्ज के सस्ता होने की उम्मीद है। 
 
जे के पेपर के वायस चेयरमैन हर्षपति सिंघानिया ने केंद्रीय बैंक के फैसले को बहुत छोटा बताया है। हालांकि उन्होंने कहा कि 0.25 प्रतिशत की कटौती से उपभोक्ताओं की धारणा मजबूत होगी।’ मोतीलाल ओसवाल फिनांशल सर्विसेज के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल ने रिजर्व बैंक के कदम को ‘कॉपीबुक’ फैसला बताया। (भाषा)

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