चुनावी सीजन चल रहा है। पांच राज्यों में आचार संहिता लग चुकी है। सभी राज्यों में अलग-अलग तारीखों को मतदान होगा और 11 दिसंबर तक परिणाम भी आ जाएंगे। इसके कुछ समय बाद लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो जाएगी। चुनावों तक बाजार में सुस्ती छाई रहने की संभावना है। रुपया भी ज्यादा मजबूत होता नजर नहीं आ रहा है। सरकार और आरबीआई के बनते-बिगड़ते संबंध भी लोगों को सतर्क रहने का संदेश दे रही है। ऐसे में निवेशकों को बेहद सावधानी से निवेश करना चाहिए। जानिए निवेशकों को इस समय निवेश के लिए क्या सावधानियां रखनी चाहिए...
चुनावी घोषणा पत्र पर रखें नजर : शेयर बाजार में निवेश करने से पहले लोगों को राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र ध्यान से पढ़ना चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल के जीतने पर उन सेक्टरों में उछाल देखा जाता है जिनका जिक्र जीतने वाले के घोषणापत्र में रहता है। इसी तरह उन सेक्टर्स में गिरावट देखी जाती है जिनके बारे में हारने वाले दल ने बड़ी घोषणाएं की होती है। उदाहरण के लिए अगर किसी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सीमेंट और पॉवर सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए टैक्स कम करने वादा किया। अगर उस पार्टी की सरकार बनी तो सीमेंट और पॉवर सेक्टर में डील करने वाली कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा जाएगा।
केवल एक चौथाई रकम निवेश करें : इस समय शेयर बाजार के अस्थिर रहने की संभावना ज्यादा रहती है। चुनाव परिणाम के बाद बाजार तेजी से बढ़ भी सकता है और इसमें भारी गिरावट भी आ सकती है। ऐसे समय बाजार में निवेश करने के लिए रखी गई रकम का एक चौथाई हिस्सा ही निवेश करना चाहिए। टुकड़ों-टुकड़ों में निवेश करना चाहिए। शेष रकम को मार्केट स्टेबल होने पर निवेश करना चाहिए।
म्यूचुअल फंड में करें निवेश : शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की बजाए आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में आप 50 प्रतिशत पैसा निवेश कर सकते हैं। इन कंपनियों का पोर्टफोलियो डाइवर्सीफाइड रहता है और इसके माध्यम से कई स्क्रिप्ट्स में आपका पैसा लगता है। ऐसे में नुकसान की आशंका भी कम रहती है।