नई दिल्ली। देश में मुद्रास्फीति में कमी की संभावना और बिल्डरों से बेहतर मूल्य पर सौदों के कारण इस साल भी घरों की बिक्री में तेजी रहने की उम्मीद है। संपत्ति सलाहकार जेएलएल इंडिया ने गुरुवार को यह जानकारी देते कहा कि पिछले साल 7 प्रमुख शहरों- मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और पुणे में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 68 प्रतिशत बढ़कर 2,15,666 इकाई रही।
2021 में 1,28,064 आवासीय इकाइयां बिकी थीं। मुंबई में मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे शहर और नवी मुंबई शामिल हैं। जेएलएल के अनुसार पिछले साल घरों की बिक्री 1 दशक में सबसे अधिक रही। हालांकि यह वर्ष 2010 में 2,16,762 इकाइयों की रिकॉर्ड बिक्री से थोड़ा नीचे है। जेएलएल द्वारा जारी आंकड़ों में केवल अपार्टमेंट की बिक्री शामिल हैं। रोहाउस, विला और प्लॉट की बिक्री को आंकड़े इसमें शामिल नहीं हैं।
जेएलएल इंडिया ने बिक्री के परिदृश्य पर कहा कि 2023 में मुद्रास्फीति के नीचे आने के साथ रेपो दर में वृद्धि का सिलसिला पलटेगा। इससे घरों की बिक्री में तेजी जारी रहेगी। जेएलएल इंडिया के मुताबिक 2022 के दौरान ब्याज दरों, संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी और वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आवासीय बिक्री बढ़ी थीं।
जेएलएल इंडिया के प्रबंध निदेशक और प्रमुख (आवासीय सेवा) शिवा कृष्णन ने कहा कि भारत की एक जुझारू घरेलू अर्थव्यवस्था है। यहां वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत है, जो एक लचीली घरेलू अर्थव्यवस्था और मजबूत व्यापक आर्थिक मूलभूत है जिसके चलते बिक्री की गति में 'रुकावट' अस्थायी प्रतीत होती है।(भाषा)