जानकारों के मुताबिक कंपनी की माली हालत खराब होने में रोहिणी हेलीपोर्ट पर लगाए गए करीब 125 करोड़ रुपए भी बड़ा कारण रहे। हेलीपोर्ट शुरुआत में कुछ दिन चला, फिर उसे शटडाउन कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इससे एक रुपए की भी कमाई नहीं हो ही है। सैलरी नहीं मिलने के कारण कर्मचारी अपने बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं।