वित्तमंत्री ने विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम को लेकर तुरंत किसी तरह की चिंता को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अटकलबाजी को लेकर किसी तरह का कोई आकलन नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में यदि पिछले तीन दिन में कच्चे तेल के दाम का रुख देखा जाए तो यह बिलकुल उल्टा रहा है। कच्चे तेल के दाम चढ़ने के बाद गिरे हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय जो स्थिति है उसे देखते हुए अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका नहीं दिखाई देती है। बजट के बाद रिजर्व बैंक निदेशक मंडल के साथ होने वाली परंपरागत बैठक को संबोधित करने के बाद जेटली ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में दरों को अपरिवर्तित रखने का जो निर्णय लिया गया वह ‘संतुलित निर्णय’ था।