शुक्ला ने कहा कि मैं नौवें आसमान पर हूं क्योंकि मैंने ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन अब मुझे लगता है कि अगर मैं एक और अंक ला पाती और अंग्रेजी में मुझे 100 अंक मिलते तो कितना अच्छा होता। उनकी मां गाजियाबाद में एक कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं और पिता राज्यसभा में सचिव हैं।
डीपीएस गाजियाबाद की छात्र शुक्ला ने कहा कि जब भी मैं सुकून या तनावमुक्त होना चाहती हूं तो संगीत सुनती हूं, लेकिन परीक्षा से पहले मैंने कोई सोशल मीडिया नहीं की नीति अपनाई थी क्योंकि यह बहुत बड़ा बाधक है।
ऋषिकेश की गौरांगी चावला, रायबरेली की ऐश्वर्या और जींद से भाव्या 500 में से 498 अंक हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। दिल्ली से नीरज जिंदल और महक तलवार उन 18 छात्रों में शामिल हैं जिन्होंने परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया।
इन्होंने मारी तीसरे स्थान के लिए बाजी : आयुषी उपाध्याय (लखनऊ), रूबानी चीमा (हरियाणा), वंशिका भगत (मेरठ), पार्थ सैनी (सोलन), अनन्या गोयल (मेरठ), दिशांक जिंदल (चंडीगढ़), दिव्या अग्रवाल (मेरठ), श्रेया पांडे (हल्द्वानी), गरिमा शर्मा (नोएडा), पीयूष कुमार झा (देहरादून), इबादतसिंह बख्शी (नोएडा), टिशा गुप्ता (राजस्थान) और जी. कार्तिक बालाजी (चेन्नई) शामिल हैं। गाजियाबाद की एषना जैन, अर्पित माहेश्वरी और प्रज्ञा खर्कवाल भी 500 में से 497 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे।