भारत के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने मंगलवार को कह कि इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला उनके कैरियर का निर्णायक मोड़ थी जिससे उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने में मदद मिली।
इंग्लैंड ने वह श्रृंखला 2 . 1 से जीती थी जो भारत में 1984 . 85 के बाद श्रृंखला में उसकी पहली जीत थी।
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Ashwin and Murali are the only bowlers to reach the 500 wicket landmark before their 100th Test
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) March 5, 2024
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अश्विन ने अपने सौवे टेस्ट मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा , इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला मेरे लिए निर्णायक मोड़ थी। इसने मुझे बताया कि मुझे कहां सुधार करना है।
इंग्लैंड के खिलाफ सात मार्च से शुरू हो रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के जरिए अश्विन अपने कैरियर के सौ टेस्ट पूरे करेंगे।
उन्होंने इस बारे में कहा , यह बड़ा मौका है। गंतव्य से ज्यादा सफर खास रहा है मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है। हमें टेस्ट मैच जीतना है।
कैरियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा , बर्मिंघम में 2018 . 19 में मेरे टेस्ट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ स्पैल रहा।
हाल ही में 500 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले अनिल कुंबले (Anil Kumble) के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बने अश्विन ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी बेहतर होने के कारण उन्हें विदेश में अक्सर तरजीह मिलती रही लेकिन अश्विन ने कहा कि अब उन्हें अतीत से कोई गिला नहीं।
उन्होंने कहा , अच्छा प्रदर्शन करने पर खेलने का मौका नहीं मिलने से दुख होता है लेकिन हालात से समझौता करना ही होता है क्योंकि टीम के हित में फैसले लिये जाते हैं। कोई कप्तान या खिलाड़ी किसी ऐसे खिलाड़ी को बाहर नहीं रखना चाहता जो उस मैच में उन्हें उपयोगी लगता हो।
उन्होंने कहा , रविंद्र जडेजा अच्छा बल्लेबाज है और उसका औसत मुझसे बेहतर है। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर सिर्फ गेंदबाजी के आधार पर ही चयन नहीं होता।
इतने साल में अपने परिवार के बलिदानों का जिक्र करते हुए अश्विन भावुक हो गए। उन्होंने कहा , मेरी याददाश्त अच्छी होने से लोगों को लगता है कि आंकड़े मेरे लिये बहुत मायने रखते हैं जबकि ऐसा है नहीं। मेरे लिये इसके कोई मायने नहीं है लेकिन मेरे पापा के लिये, मम्मी और पत्नी के लिये है। मेरी बेटियां मुझसे ज्यादा रोमांचित है ।
उन्होंने कहा , यह महज एक आंकड़ा है । जहीर खान सौ टेस्ट नहीं खेल सके । महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं। (भाषा)